आवेदन प्रक्रिया

आवेदन पत्र भरने की सम्‍पूर्ण प्रक्रिया निःशुल्क होगी। योजना हेतु आवेदन पोर्टल/ मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन भरे जा सकेंगे। इस हेतु

आवेदन फॉर्म ग्राम पंचायत / वार्ड कार्यालय / कैंप स्थल पर उपलब्ध होंगे

कैंप स्थल / ग्राम पंचायत / वार्ड कार्यालय पर आवेदन फॉर्म की लाड़ली बहना पोर्टल/एप में प्रविष्टि की जाएगी

आवेदन फॉर्म की प्रविष्टि के दौरान महिला का फोटो लिया जाएगा

आवेदन फॉर्म की प्रविष्टि के बाद प्राप्त ऑनलाइन आवेदन क्रमांक को पावती में दर्ज करके आवेदक को दिया जाएगे

निम्‍नानुसार प्रक्रिया निर्धारित की जाती है –

ऑनलाइन आवेदन की पावती एसएमएस/ व्हाटसअप द्वारा भी हितग्राही को प्राप्त होगी। उक्त प्रक्रिया में आंगनवाडी कार्यकर्ता सहयोग करेंगी।

अनंतिम सूची का प्रकाशन

आवेदन प्राप्ति की अंतिम तिथि के पश्‍चात् आवेदकों की अनंतिम सूची, पोर्टल/ ऐप पर प्रदर्शित की जायेगी, जिसका प्रिंट आउट ग्राम पंचायत/वार्ड स्तर के सूचना पटल पर भी चस्‍पा किया जाएगे।

आपत्तियों को प्राप्त किया जाना

प्रदर्शित अनंतिम सूची पर 15 दिवस तक आपत्तियॉ पोर्टल/ऐप के माध्‍यम से प्राप्‍त की जायेगी। इसके अतिरिक्‍त पंचायत सचिव/ वार्ड प्रभारी को लिखित अथवा सीएम हेल्‍पलाईन 181 के माध्‍यम से भी आपत्ति दी जा सकेगी। प्राप्‍त आपत्तियों को पंचायत सचिव/वार्ड प्रभारी द्वारा पोर्टल/ ऐप पर दर्ज किया जाएगे।

जो आपत्तियॉ लिखित (ऑफलाइन) प्राप्‍त हुयी हैं उनके सम्‍बंध में अग्रिम कार्यवाही पंजी में संधारित की जाकर ऑनलाइन अपलोड की जायेगी।

आपत्ति निराकरण समिति

प्रदर्शित अनंतिम सूची पर प्राप्‍त आपत्तियों का निराकरण आपत्ति निराकरण समिति द्वारा किया जाएगे, जिसका स्‍वरूप निम्‍नानुसार होगा

(क)  ग्राम पंचायत क्षेत्र की प्राप्‍त आपत्तियों के निराकरण हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, क्षेत्र का नायब तहसीलदार एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास की समिति होगी।

(ख)  नगर परिषद एवं नगर पालिका क्षेत्र की प्राप्‍त आपत्तियों के निराकरण हेतु तहसीलदार, सीएमओ एवं परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास की समिति होगी।

(ग)  नगर निगम क्षेत्र कीप्राप्‍त आपत्तियों के निराकरण हेतु आयुक्त नगर निगम, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास की समिति होगी।

आपत्तियों की जॉच एवं अंतिम सूची जारी किया जाना

आवेदन पर आपत्ति की जॉच एवं निराकरण 15 दिवस में समिति द्वारा किया जाएगे। समिति केवल उन्‍हीं प्रकरणों पर विचार करेंगी जिसमें आपत्ति प्राप्‍त हुई हैं। इसके अतिरिक्‍त प्राप्‍त आवेदनों का रेंडम चयन राज्य स्‍तर पर किया जाकर उनकी पात्रता सम्‍बंधी विशेष जांच की जा सकेगी।

समस्‍त आपत्तियों के समय सीमा में परीक्षण उपरांत पात्र हितग्राहियों की अंतिम सूची आपत्ति निराकरण समिति के स्‍तर पर मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत/ सीएमओ, नगरीय निकाय/ आयुक्‍त, नगर निगम द्वारा स्‍वीकृत की जाकर पोर्टल/ ऐप पर प्रदर्शित की जायेगी। सूची का प्रिंट आउट ग्राम पंचायत/वार्ड स्तर पर भी चस्‍पा किया जाएगे। अपात्र हितग्राहियों की पृथक सूची भी पोर्टल/ऐप पर प्रदर्शित की जायेगी।

पात्र हितग्राही को स्‍वीकृति पत्र जारी किया जाना

अंतिम सूची में पात्र हितग्राही को ग्राम सचिव/ वार्ड प्रभारी द्वारा योजना में लाभांवित होने सम्‍बंधी ''स्‍वीकृति पत्र'' जारी किया जाएगे।

हितग्राही को राशि का भुगतान

पात्र हितग्राही को राशि का भुगतान उनके आधार लिंक्‍ड डीबीटी इनेबल्‍ड बैंक खाते में किया जाएगे। आवेदक महिला के पास स्वयं के नाम से आधार लिंक डीबीटी इनेबल्‍ड बैंक खाता होना चाहिये। आवेदन ऑनलाइन प्रविष्टि के समय उक्‍त खाता नहीं होने की दशा में महिला हितग्राही को इस सम्‍बंध में पावती से सूचित किया जाएगे तथा उससे अपेक्षा होगी कि आवेदिका स्‍वयं का बैंक खाता (आधार लिंक डीबीटी इनेबल्‍ड) खुलवा लें। इसके लिये जिलों द्वारा नियमित अभियान चलाकर निर्धारित समयसीमा में उक्‍त कार्यवाही पूर्ण की जायेगी।

नियमित परीक्षण एवं सत्यापन

भविष्‍य में हितग्राही के सम्‍बंध में कोई आपत्ति प्राप्‍त होती है तो उसकी जॉच आपत्ति निराकरण समिति द्वारा की जायेगी। जॉच में अपात्र होने की दशा में सम्‍बंधित हितग्राही का नाम सूची से विलोपन योग्‍य होने की सूचना उसे दी जाकर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगे। आपत्ति सही पाये जाने पर ग्राम पंचायत सचिव/ वार्ड प्रभारी द्वारा सम्‍बंधित हितग्राही का नाम विलोपित किया जा सकेगा।

योजना के अपेक्षित परिणाम

योजना के निम्‍नानुसार अपेक्षित परिणाम प्राप्‍त होंगे :

  • 1. महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के फलस्‍वरूप वे प्राप्‍त राशि से स्‍वयं के पोषण पर विशेष ध्‍यान दे पायेंगी, जिससे महिलाएं बॉडी मास इन्डेक्स के मानक स्तर पर आ सकेंगी साथ ही महिलाओं में एनीमिया के स्‍तर में भी सुधार होगा।
  • 2.महिलाओं के आर्थिक रूप से मजबूत होने से उन पर आश्रित बच्‍चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार होगा।
  • 3.महिलाओं की श्रम बल भागीदारी में वृद्धि होगी एवं परिवार में उनकी निर्णायक भूमिका सुदृढ़ होगी।
  • 4.महिलायें अपनी प्राथमिकता के अनुसार व्यय करने हेतु आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा अधिक स्वतंत्र होगीं एवं स्वरोजगार/आजीविका के संसाधनों को विकसित करेंगी।